स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के एमजीएम अस्पताल ने डिमना के जिंदा युवक को घोषित किया मृत, अपनी ही डेथ सर्टिफिकेट लेकर महीनों से अस्पताल के चक्कर लगा रहा युवक, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा- सो गई है एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था, व्यवस्था की ऐसी दुर्गति पहले कभी नही देखी, जिम्मेदार लोगों पर हो कड़ी कार्रवाई…
जमशेदपुर:- पुर्वी सिंहभूम जिले में एक जीवित युवक अपनी ही मौत का प्रमाण पत्र लेकर घूम रहा है और अपने जिंदा होने की बात विभागीय अधिकारियों को बता रहा है। जीते जी एक युवक को कागजों पर मरा हुआ घोषित कर दिया गया। दरअसल, यह चौंकाने वाला मामला पुर्वी सिंहभूम जिले के डिमना बस्ती क्षेत्र के उलीडीह अंतर्गत नवीन कॉलोनी निवासी संदीप तंतुबाई नामक 23 वर्षीय युवक की साथ हुई है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में पिछले महीने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 52 वर्षीय गणेश तंतुबाई का देहांत हो गया था। जिसपर एमजीएम अस्पताल की ओर से युवक के दिवंगत पिता गणेश तंतुबाई के स्थान पर उसके पुत्र संदीप तंतुबाई को मृत घोषित कर दिया गया है। डेथ सर्टिफिकेट में उम्र भी 23 वर्ष लिखी गयी है। जिसमें सुधार करने एवं अपने दिवंगत पिता के डेथ सर्टिफिकेट बनाने को लेकर वो पिछले 1 महीने से अपनी डेथ सर्टिफिकेट लेकर अस्पताल के चक्कर लगा रहा है। एक ओर जहां मामला संज्ञान में आने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है। तो वहीं, सवाल उठने लगा है कि आखिर एक जिंदा युवक को मृत कैसे घोषित कर दिया गया है। इधर, मामले की जानकारी मिलने पर भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने अस्पताल के उदासीनता और लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया के एक्स (पहले ट्विटर) एकाउंट पर घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि एमजीएम अस्पताल की ऐसी हालत हो गई है कि यहां कोई व्यक्ति इलाज कराने जाए तो अस्पताल की बदहाल व्यवस्था से मृत अवस्था में चला जाता है। लेकिन अब जिंदा व्यक्ति को भी आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर देना दर्शाता है कि अस्पताल का सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। एक महीने से अपने दिवंगत पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल के चक्कर लगा रहे युवक की गुहार कोई अधिकारी नही सुन रहे हैं। यह उदासीनता और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल व्यवस्था की ऐसी दुर्गति पहले कभी देखी नही गयी। कुणाल षाड़ंगी ने स्वास्थ्य मंत्री एवं जिला उपायुक्त से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने एवं जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है। जिससे कि भविष्य में ऐसी घटना किसी अन्य लोगों के साथ ना हो।
वहीं, युवक गणेश तंतुबाई ने बताया कि अपने दिवंगत पिता के डेथ सर्टिफिकेट के लिए एक महीने से लगातार अस्पताल आ रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई है।
इससे पहले, इस मामले को लेकर भाजपा नेता बिमल बैठा ने युवक संदीप तंतुबाई के साथ एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक से मुलाकात की। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक को लिखित शिकायत कर मामले की पूरी जानकारी दी गई। अस्पताल अधीक्षक की ओर से मामले की गहन जांच करने और संबंधित सुधार करने का आश्वासन दिया गया। बिमल ने कहा कि पीड़ित युवक के घर में कमानेवाला भी कोई नही है। इसके साथ ही, मृत्यु प्रमाण पत्र ना बन पाने के कारण कई काम रुक गए हैं।