बिस्टुपुर : डीएवी स्कूल में ऑल इंडिया पॉलीटिकल पार्टी मीट का कार्यक्रम आयोजन हुआ, छात्र व छात्राएं बिल्कुल देश के राजनेताओं के तर्ज पर नजर आए, जाने प्रधानाचार्य ने क्या कहा, “देखें.video….

0
Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर : जिले के बिष्टुपुर स्थित डीएवी में 9वां दो दिवसीय यूनाइटेड नेशन फ़ॉर वर्ल्ड कन्वेंशन ऑफ क्लाइमेट चेंज पर परिचर्चा किया गया. जहां शहर सहित डीएवी ग्रुप के करीब 380 छात्र- छात्राओं ने हिस्सा लिया. ऑल इंडिया पॉलिटिकल पार्टी मीट में तो स्कूली बच्चों ने सदन की कार्रवाई का अद्भुत नमूना पेश किया. जहां ऐसा प्रतीत हुआ मानो ये स्कूली बच्चे नहीं बल्कि वास्तव में देश के विभिन्न दलों के राजनेता हैं.

Advertisements
Advertisements

देखें video…

 

बता दे इनके भाव-भंगिमा बिल्कुल हमारे राजनेताओं की नजर आयी. इन्होंने देश के दो ज्वलंत मुद्दों पर फोकस कर ऐसा बहस किया जिससे ऐसा लगा कि ये मुद्दे सदन की न होकर बाल नेताओं की है. बच्चों ने सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पर बहस किया. बहस के दौरान राजनेता बने छात्र- छात्राओं की भाव-भंगिमा बिल्कुल हमारे देश के राजनेताओं के तर्ज पर नजर आया. पक्ष और विपक्ष में खूब बहस देखने को मिला. कभी मेज थपथपाते तो कभी बैनर पोस्टर और तख्तियां लेकर विरोध करते छात्र – छात्राएं नजर आए. बीच-बीच में भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे भी लगे. अंत में ध्वनि मत से बाल संसद ने यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को पास किया.

 

 

वही इसी तरह इंडिया G-20 प्रेसीडेंसी वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर पर बाल नेताओं ने सदन के पटल पर अपने विचार रखे. हालांकि इसपर भी सदन में खूब गहमा गहमी रही.

 

 

इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए स्कूल के प्राचार्य प्रज्ञा सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच वैसे मुद्दों को लाना है जो देश की एवं दुनिया की ज्वलंत समस्याएं हैं. इस पर चर्चा करना और निष्कर्ष पर पहुंचना बेहद सुखद अनुभूति है. उन्होंने बताया कि साधारण मुद्दों पर डिबेट में कुछ छात्र- छात्राओं को ही बोलने का मौका मिलता है. इस तरह के कार्यक्रम में सभी अपने विचार रख पाते हैं और बच्चों का ज्ञान बढ़ता है. कार्यक्रम में ग्लोबल वार्मिंग, कार्बन उत्सर्जन, महिलाओं की समस्या आदि विषयों पर भी चर्चा हुई.

बाईट- 

 

See also  झारखंड में बदलते समय के साथ सिमट रहा है मधु कोड़ा का कद

प्रज्ञा सिंह  (प्रधानाचार्य )

Thanks for your Feedback!

You may have missed