भोजपुरी गायक सम्राट भरत शर्मा व्यास का पुरेंद्र के नेतृत्व में हुआ भव्य स्वागत
भोजपुरी कला संस्कृति के विरासत को बचाने के लिए जीवन प्रयत्न कृत संकल्पित हूं- भरत शर्मा
आदित्यपुर (संवाददाता):-भोजपुरी के महान लोक गायक भरत शर्मा व्यास शनिवार को जमशेदपुर आगमन के क्रम में आदित्यपुर स्थित मधुबन होटल पहुंचे. जहां आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद के प्रदेश महासचिव पुरेंद्र नारायण सिंह के नेतृत्व में श्री शर्मा का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान उनके साथ लोक गायक विनय मिश्रा एवं रेनू यादव भी मौजूद रही.स्वागत करने वालों में वीरेंद्र यादव, प्रमोद गुप्ता, उदित यादव, देव प्रकाश, अधिवक्ता संजय कुमार, बिपिन बिहारी प्रसाद, मिथिलेश झा, आरके अनिल, विशाल राणा, फौजी शैलेंद्र सिंह, एसडी प्रसाद, राजेश रसिक, अश्विनी कुमार आदि मौजूद रहे.
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में भरत शर्मा ने मीडिया के सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. श्री शर्मा वर्तमान में भोजपुरी गीतों में फूहड़ता के सवाल पर कहा कि इसका कोई विकल्प नहीं है. सबका अपना- अपना वर्ग है, मगर भोजपुरी से फूहड़ता और अश्लीलता को निकालने पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि लोगों को अच्छी गीतों को सुनने की आदत डालनी चाहिए. फूहड़ गानों का प्रतिरोध करना चाहिए, ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए और संगीत का प्रभुत्व बरकरार रहे. अपनी विरासत के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर युग में अच्छे कलाकार आते रहे हैं. अभी के दौर में भी अच्छे कलाकार हैं. उन्हें पूरा भरोसा है, कि भोजपुरी की मिठास आगे भी बरकरार रहेगी. वही रामायण की चौपाइयों को लेकर उपजे विवाद पर श्री शर्मा ने बेबाक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामायण की चौपाइयां आज नहीं लिखी गई है. इस पर विवाद पैदा करने वाले पॉलीटिकल स्टंट कर रहे हैं, जो सही नहीं है. वहीं उन्होंने झारखंड में बाहरी- भीतरी को लेकर उपजे वर्तमान हालात पर उन्होंने इसे गलत बताया. उन्होंने कहा भले राज्य अलग हुए हैं मगर सांस्कृतिक विरासत आज भी दोनों राज्यों की एक है इस पर राजनीति ठीक नहीं है दोनों एक ही मिट्टी के दो स्वरूप हैं. एल्बम के सवाल पर श्री शर्मा ने बताया कि अब एल्बम का दौर खत्म हो चुका है. उनके गाने यूट्यूब पर आ रहे हैं. हर मंगलवार को भरत शर्मा ऑफिशियल पर उनका गाना अपलोड होता है.
उन्होंने अपने फॉलोअर्स खासकर पुरेंद्र नारायण सिंह की भूरी- भूरी सराहना की और कहा पुरेंद्र नारायण सिंह के साथ उनका संबंध आत्मीय है. जब भी जमशेदपुर आना होता है पहला स्वागत पुरेंद्र ही करते हैं. फिल्मों के सवाल पर उन्होंने कहा अब उनका फिल्मों में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है. अब वैसे फिल्म नहीं बन रहे जिसके लिए वे जाने जाते हैं. इसलिए अब फिल्मों से मोह भंग हो चुका है. भविष्य की संभावनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कला- संस्कृति और भोजपुरी की मिठास को लेकर जीवन पर्यंत काम करता रहूंगा.