टाटा स्टील फाउंडेशन ने जमशेदपुर में जोहार हाट का शुभारंभ किया

0
Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन ने आज जोहार हाट का शुभारंभ किया, जो भारत भर की जनजातियों की सर्वश्रेष्ठ कला, शिल्प, भोजन और प्रतिभा के लिए समर्पित स्थान है।

यह जमशेदपुर के नागरिकों के लिए एक उपहार है, साथ ही यह जनजातियों की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का एक मंच भी है। हाट कदमा के प्रकृति विहार में हर महीने एक सप्ताह के लिए आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न जनजातियों के कारीगर और रसोइये एक विशाल सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेंगे जो समुदायों के लिए आर्थिक लाभ और उद्यमशीलता के अवसर भी लाता है।

चाणक्य चौधरी, निदेशक, टाटा स्टील फाउंडेशन और वाईस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील, उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि “टाटा स्टील फाउंडेशन पिछले कुछ वर्षों से इस हाट को लाने की कोशिश कर रहा है। हम आदिवासी संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देने के लिए हर साल संवाद जैसे बड़े कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करते रहे हैं। हम निवासियों की अधिक भागीदारी देखना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य हर महीने इसी अवधि के दौरान जोहार हाट लगाना है।”

समारोह के दौरान उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों में अत्रेई सान्याल, वाईस प्रेसिडेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, टाटा स्टील, उत्तम सिंह, वाईस प्रेसिडेंट, आयरन मेकिंग, टाटा स्टील, सौरव रॉय, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, टाटा स्टील फाउंडेशन, देबदूत मोहंती, चीफ कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील कलिंगागर, मुकुल विनायक चौधरी- चीफ, स्पोर्ट्स एक्सीलेंस सेन्टर, डॉ. सुधीर राय, जीएम, मेडिकल सर्विसेज, टाटा स्टील, प्रणय सिन्हा, चीफ कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील जमशेदपुर और अरविंद कुमार सिन्हा, चीफ, सेफ्टी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन, सीआर मांझी, मैनेजिंग कमिटी, ट्राइबल कल्चर सोसाइटी, बिनापानी महतो, मैनेजिंग कमिटी, ट्राइबल कल्चर सोसाइटी, सहित अन्य शामिल थे।

इस बार का प्रमुख आकर्षण ट्राइबल फैशन ज्वेलरी (वांचो ट्राइब, अरुणाचल प्रदेश), डोकरा क्राफ्ट (मुरिया ट्राइब, छत्तीसगढ़), नवजीवन को-ऑपरेटिव (हो ट्राइब, ओडिशा) सहित अन्य स्टॉल थे।

प्रत्येक हाट में लाइव डेमोंस्ट्रेशन, मास्टरक्लास, कहानी सत्र, सिनेमा और शानदार भोजन के साथ ही घर की साज-सज्जा, हथकरघा और वस्त्र, आभूषण, पेंटिंग और जैविक उत्पादों की बिक्री की जाएगी। यह जमशेदपुर में जनजातीय शिल्प और व्यंजनों के लिए पहले ‘विविधता पूर्ण बाज़ार’ के रूप में काम करेगा।

Advertisements
Advertisements

Thanks for your Feedback!

You may have missed