सरायकेला:जिले में खरना के साथ छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू!जाने क्या है खरना…
सरायकेला:लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा भक्ति भाव के साथ सरायकेला जिला में प्रारंभ हो गया है बता दे चार दिवसीय छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है इस दिन वर्ती पूरे दिन उपवास रहती है.
खरना का मतलब होता है शुद्धीकरण खरना के दिन शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद रोटी और केले का प्रसाद छठ मां को अर्पण कर वर्ती महिलाएं पूजा करने के बाद अपने दिनभर का उपवास खोलती है फिर इस प्रसाद को सभी में बांट दिया जाता है.
वही प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है इस दिन प्रसाद बनाने के लिए नए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग करना शुभ माना जाता है बता दूं कि खरना पूजा को खीर रोटी और कुछ एक क्षेत्र में लोहड़ा के नाम से भी जाना जाता है.
गौरतलब है कि रविवार को छठ व्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध दिया जाएगा सोमवार को उदयीमान सूर्य देव की आराधना करते हुए इस महाव्रत का समापन होगा.