कौन होगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? कुछ देर बाद शुरू होगा मतदान, आज ही घोषित हो जाएगा रिजल्ट
Vice President Election Process: आज उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा और शाम 6 बजे उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना शुरु हो जाएगी तथा शाम 7 बजे ही विजेता के नाम का ऐलान किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों के सदस्य आज देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। इस पद के लिए राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच मुकाबला है। दोनों सदनों में राजग की मजबूत स्थिति को देखते हुए धनखड़ का जीतना तय माना जा रहा है।
धनखड़ की जीत तय
जगदीप धनखड़ को राजग के अलावा बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तेलुगु देशम पार्टी और बसपा ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। इससे उनके वोटों की संख्या 65 फीसदी के पार जा सकती है। आंकड़ों के मुताबिक जीतना तो जगदीप धनखड़ को ही है।सवाल है कि फासला कितना होगा।इसलिए सबकी निगाह अब जगदीप धनखड़ को मिलने वाले वोट पर है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो इस चुनाव में 788 वोट डाले जाने हैं और उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 395 वोटों की जरूरत होगी अब वोटरों के गणित पर गौर करें..तो 543 वोट लोकसभा सांसदों के हैं। वहीं 245 वोट राज्यसभा सांसदों के हैं जिसमें से अभी बीजेपी के लोकसभा में 303 सांसद हैं तो वहीं राज्यसभा में 93 सांसद। यानी कुल मिलाकर 396 वोट तो बीजेपी के अपने हैं, इसके अलावा एनडीए के घटक दल के साथ कई विपक्षी दल भी धनखड़ के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं।
अल्वा के पक्ष में कितने वोट?
विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को कांग्रेस, एनसीपी, वामदल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, टीआरएस, झामुमो का समर्थन मिला हुआ है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने भी अल्वा का समर्थन किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत अल्वा की नामांकन प्रक्रिया में भी शामिल हुए थे। हालांकि, शिवसेना के ज्यादातर सदस्य एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के साथ हैं।
अभी तक के जो आंकड़े हैं, उसके अनुसार अल्वा को कांग्रेस के 84, डीएमके के 34, एनसीपी के नौ, आरजेडी के छह, समाजवादी पार्टी के छह, टीआरएस के 16, आम आदमी पार्टी के 10, झामुमो के तीन सदस्य वोट दे सकते हैं। इस तरह से अल्वा के पक्ष में 168 वोट आसानी से मिल सकते हैं।
वेंकैया नायडू ने बड़े अंतर से हासिल की थी जीत
मालूम हो कि पिछली बार 2017 के उप राष्ट्रपति चुनाव में राजग के वैंकेया नायडू ने विपक्ष समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को हराया था। तब नायडू को 516 (67.89 फीसदी) व गांधी को 244 (32.11) फीसदी वोट मिले थे। इस बार विपक्ष और ज्यादा बिखरा हुआ है। विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है।