धालभूमगढ़ और बंगाल के गिधनी स्टेशन के बीच जंगली हाथी बन सकते हैं बड़ी ट्रेन दुर्घटना के कारण,अक्सर रेलवे ट्रैक को पार करता है जंगली हाथियों का झुंड
घाटशिला:- चक्रधरपुर रेल मंडल के जरौली और बांसपानी स्टेशन के बीच मालगाड़ी की चपेट में आने से हुई तीन जंगली हाथियों की मौत खड़कपुर रेल मंडल के रेल प्रशासन और चाकुलिया वन क्षेत्र तथा पश्चिम बंगाल के जामबनी वन क्षेत्र के वन विभाग के लिए एक सबक है. क्योंकि पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे चाकुलिया वन क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के जामबनी वन क्षेत्र के बीच रेलवे ट्रैक को अक्सर जंगली हाथियों का झुंड पार करता है. यहां उल्लेखनीय हो कि चाकुलिया और पश्चिम बंगाल के गिधनी रेलवे स्टेशन के बीच वर्ष 2018 में 18 अगस्त की रात अप ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस की चपेट में आकर तीन जंगली हाथियों की मौत हो गई थी और ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बाल-बाल बची थी. वर्ष 2020 में चाकुलिया और कोकपाड़ा स्टेशन के बीच सुनसुनिया जंगल के पास मालगाड़ी की चपेट में आने से एक जंगली हाथी की मौत हो गई थी.
ज्ञात हो कि चाकुलिया वन क्षेत्र के धालभूमगढ़ से लेकर पश्चिम बंगाल के गिधनी स्टेशन तक साल के घने जंगलों से होकर रेलवे का अप और डाउन लाइन गुजरा है. इस इलाके को एलीफेंट जोन के रूप में जाना जाता है. इसी इलाके से होकर रेलवे ट्रैक को पार करते हुए जंगली हाथी पश्चिम बंगाल की सीमा में जाते हैं और पश्चिम बंगाल की सीमा से चाकुलिया सीमा में प्रवेश करते हैं. पिछले पांच वर्षों से इस इलाके में जंगली हाथियों की गतिविधियां काफी बढ़ी हुई हैं. करीब 50 जंगली हाथी इलाके के जंगलों में रह रहे हैं और भारी उत्पात मचा रहे हैं. इस दौरान जंगली हाथियों ने चाकुलिया वन क्षेत्र में 20 लोगों की जान ली है. सैकड़ों घरों को तोड़ा है तथा भारी मात्रा में धान और मकई समेत अन्य फसलों को बर्बाद किया है. क्षेत्र की जनता जंगली हाथियों की एक त्रासदी झेल रही है.
रेलवे ट्रैक के किनारे के साल जंगलों में अक्सर जंगली हाथी शरण लेते हैं. अक्सर जंगली हाथियों का झूंड रेलवे ट्रैक को पार करता है. इस दौरान कभी भी किसी मालगाड़ी या फिर यात्री ट्रेन की चपेट में आकर जंगली हाथियों की मौत हो सकती है और बड़ी दुर्घटना हो सकती है. बावजूद, रेल प्रशासन और वन विभाग ने किसी रणनीति के तहत कोई योजना नहीं बनाई है. अलबत्ता, रेलवे ट्रैक के किनारे के जंगलों में जंगली हाथियों के हो रहने की सूचना पाकर रेलवे द्वारा ट्रेन की गति धीमी कर दी जाती है. हाथी प्रभावित इस इलाके में हाथियों और ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे लाइनों के किनारे गार्ड लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ट्रैक के किनारे के जंगलों में हाथियों के आने की सूचना रेलवे प्रशासन को विभाग द्वारा दी जाती है. ताकि ट्रेनों की स्पीड कम की जा सके. रेलवे ट्रैक के किनारे गार्ड लगाने के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा. ताकि जंगली हाथी रेलवे ट्रैक को पार नहीं कर सकें, दिग्विजय सिंह, प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी, चाकुलिया वन क्षेत्र.