आगामी 7 फरवरी को प्रयागराज कुम्भ में हुँकार भरेंगे सवर्ण महारथी…सवर्ण आयोग नहीं तो वोट नहीं…..डीडी त्रिपाठी (राष्ट्रीय संगठन महामंत्री)

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जमशेदपुर/लखनऊ:- आज सवर्ण महासंघ फाउंडेशन ऑफ इंडिया  की ऑन लाइन ज़ूम मीटिंग सम्पन्न हुई ।जिसमें  राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर ओम प्रकाश सिंह , राष्ट्रीय महामंत्री संगठन  डी डी त्रिपाठी , राष्ट्रीय प्रचारक अभय ओझा  ,राष्ट्रीय प्रमुख़ सलाहकर डॉ तोषेन्द्र द्विवेदी ,राष्ट्रीय संयोजक विनोद  कुमार तायल  ,राष्ट्रीय वरीय उपाध्यक्ष  सांवर लाल शर्मा  ,राष्ट्रीय  संगठन मंत्री  जय कुमार सिंह ज एवं देश के सभी प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष , सभी राष्ट्रीय सलाहकार एवम संगठन को एक नई पहचान देने वाले संस्थापक सह संरक्षक  गजेन्द्र मणि त्रिपाठी  मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें । इस मीटिंग में वर्तमान राजनीतिक परिवेश में चर्चा का केंद्र बिंदु धर्म की आड़ में राजनीतिक पार्टियों द्वारा सत्ता प्राप्ति के लिए धर्म को ही दूषित करने का  प्रयास ……मुख्य मुद्दा रहा ।वक्ताओं ने कहा कि धर्म को  सत्ता प्राप्ति का साधन भर बना दिया गया हैं । और इसका सबसे बड़ा दंड सवर्णों को झेलना पड़ रहा हैं । धर्म के ठेकेदार एक तरफ संविधान की आड़ में सवर्णों को देश में दोयमदर्जे का नागरिक बनाने पर तुले हैं वही उनको नैशर्गिक न्याय से भी साजिशन वंचित कर इन्हें 18/अ जैसे कानून की आड़ में जन्मजात अपराधी ,शोषक,उत्पीड़क एवं प्रताड़क की छवि में प्रस्तुत कर इन्हें राजनीतिक घृणा का पात्र बना रहे हैं।एक तरफ बड़ी आसानी से चार वर्गों ओबीसी,एसटी,एससी एवं माइनॉरिटी को संगठित कर वोट की लिप्सा को पूरा करना चाहते हैं । उनके अधिकार और हितों के नाम पर पार्टीगत हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाती हैं और जाति के नाम पर संगठन के लिए मंच मोर्चे हैं बनाये गए हैं। पर सवर्णों की बात होते ही इन्हें जातपात की महक आने लगती हैं ।सवर्ण यदि अपनी हित की बात करें तो वो जातिपाति फैलाकर समाज को बाँटने वाला हो जाता हैं। जबकि अन्य करें तो वो उसके हक़ की आवाज़ कहलाता हैं। बैठक में संगठन को मजबूत बनाने के साथ सवर्ण आयोग का गठन, राजनैतिक दलों में अपनी हिस्सेदारी, एससी एसटी और ओबीसी एक्ट में संशोधन को पुनः सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार देश हित में लागू करने का प्रयास, और वर्तमान समय में होने वाले चुनाव और आने वाले समय में देश में सवर्ण समाज के लोगों के लिए केंद्र सरकार क्या करती है ।इन सभी बातों पर विचार मंथन किया गया । और इस निमित आगामी 7 फरवरी को अचला सप्तमी के दिन प्रयागराज संगम तट पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक में एक नई पहल का संकल्प लिया गया।
 ज्ञात हो कि संगठन  व्यवस्था के खिलाफ आगामी  5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के निमित संगठन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगा। सवर्ण आयोग एवं पार्टीगत सवर्ण मोर्चा का गठन अविलम्ब देश की प्रमुख पार्टियाँ जिसमें भाजपा प्रमुख हैं ……घोषणा नहीं करती हैं तो संगठन  चुनाव  में सवर्ण मोर्चा एवं  राष्ट्रीय सवर्ण आयोग नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ चुनाव में उतरेगा।
बैठक में मुख्यरूप से राष्ट्रीय सलाहकार दिवाकर मिश्रा जी,यू एस राणा, घनश्याम व्यास ,रश्मि त्रिवेदी, निहाल सिंह, प्रदेश अध्यक्षों में डॉ अवनीश पाठक,बाबू बिरेन्द्र सिंह,अश्विनी श्रीवास्तव, प्रदीप सिंह (अधिवक्ता) ज्योत्स्ना जैन,सुखदेव अवस्थी,लोकेश त्रिपाठी, आरती अग्रवाल,अनुपमा शेखर,मुकेश पुरोहित, चेतन गौड़,अमित अग्रवाल,गुंजन श्रीवास्तवयूपी , मोहन निगम ,रूपेश झा,दिलीप पांडेय,संजय मेथी प्रमुख रहें।वही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले कार्यकारिणी बैठक के लिए प्रदेश सचिव वशिष्ठ मुनि जी को संयोजक नियुक्त किया गया ।

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