अपने दिल का रखें ख्याल…स्वस्थ ह्रदय ही हम सभी के स्वास्थ्य की कुंजी है…

Advertisements
Advertisements

विश्व ह्रदय दिवस 2021 :- दिल हमारे शरीर का वो हिस्सा है जिसके बिना जीना नामुमकिन है. हमारे पूरे जीवन काल में यह लगातार,बिना रुके करता रहता है. और इसकी महत्वता को समझते हुए और लोगों में इसके प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए 29 सितम्बर’ को प्रत्येक वर्ष विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. इस आयोजन की पहल विश्व हृदय संघ के निदेशक ने 2000 में आंटोनी बेस दे लुना ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिल कर की थी. बदलती लाइफस्टाइल और असंतुलित खानपान के कारण दुनिया भर में हृदय रोग के पीड़ितों की संख्या तेज़ी से बढती जा रही है. हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती. हृदय रोग हर साल लगभग 17.7 मिलियन लोगों की जान लेता हैं, जो विश्व में 31% मृत्यु का कारण है.

Advertisements
Advertisements

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारा दिल ही है, जिस पर सबसे अधिक बोझ पड़ता है. तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से रक्त का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है. मुख्य रूप से दिल के दौरे के रूप में – तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता और शराब के हानिकारक उपयोग हैं. ये बदले में लोगों में बढ़े हुए (हाइपरटेंशन) उच्च रक्त शर्करा(डायबिटीज़), अधिक वजन और मोटापे के रूप में दिखाई देते हैं, यह अच्छे हृदय और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जोखिम है.

अब तक सितम्बर के अंतिम रविवार को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता रहा था, लेकिन 2014 से इसे 29 सितम्बर के दिन ही मनाया जाने लगा. आम लोगों को इन बीमारियों व दिल के स्वास्थ्य का ख़ास ख्याल रखने के प्रति जागरुक करने के मकसद से ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाने की शुरुआत की गई. ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ हर साल ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाता है.

See also  भाजपा में शामिल होने के बाद अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल हुए चंपाई सोरेन

कोरोनरी धमनी रोग:
हृदय के रोगो में होने वाला यह एक सबसे सामान्य प्रकार का रोग है, जिसका कारण कोलोस्टराल द्वारा उन धमनियों पर एक दीवार जैसी संरचना को बना देना है जो की रक्त को हृदय तक पहुचाने का कार्य करती हैं. जिसके परिणामस्वरूप हृदय घात, हृदय पीड़ा, हृदय गति का रुक जाना, तथा अनियमित हृदय गति हो सकती है. पड़ने वाले घाट को ब्रेन अटैक या मस्तिष्क का काम ना करना से जाना जाता है. यह तब होता है जब मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को जाने वाली धमनी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, या मस्तिष्क में या उसके आस पास की धमनी फट जाती है जिसके परिणाम स्वरूप मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है या मृत्यु तक हो जाती है.

कैसे हो रोकथाम:
इस तरह के अधिकांश रोग अपनी प्राथमिक अवस्था में ही ख़तम किए जा सकते है अगर उनकी पहचान कर ली जाए या वह स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत बता दिए जाएँ. ग़लत ख़ान पान, व्यायाम की कमी, धूम्रपान या मादक द्रव्यों का सेवन, अत्यधिक वजन, उच्च रक्त चाप , तथा मधुमेह इत्यादि इसके ख़तरे बन सकते हैं जिससे की हृदय से संबंधित होने वाली 80% मृत्यु का कारण है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हृदय दिवस पाए फैलाई जाने वाली जागरूकता इस परिप्रेक्ष्य में सहायक सिद्ध हुई है.  इनका उद्देश्य जन साधारण में हृदय सम्बन्धी रोगो के चिन्ह व उनके रोकथाम के प्रयास बताना है| इनमें से कई चरण बहुत ही सरल व सर्वग्यात होने के बावजूद भी लोगों स्वरा अपनाए नहीं जाते.

जागरूकता का विस्तारण:

अपने हृदय को बचाने के उपायों के चरण को जाने तथा उसे परिवार व मित्रों को भी बताए जिससे की उनके भी हृदय की रक्षा हो सके. स्वास्थ जाँच, सभा, इत्यादि को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों को इसके बारे में पोस्टर्स व पर्चों के माध्यम से बताएँ. हृदय दिवस अपने स्वस्थ के प्रति जागरूक होने के साथ ही धूम्रपान छोड़ने, अपने जीवन शैली में बदलाव लाने, व्यायाम की महत्ता पहचानने हेतु इन सभी बातों की शपथ लेने के लिए उपयुक्त दिन है.

You may have missed