प्रधानाध्यापक बाल बाल बचे विद्यालय का छत गिरा।

Advertisements
Advertisements

चाकुलिया:- प्रखंड के पश्चिम बंगाल सीमा से सटे बेंद गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में सोमवार को बड़ा हादसा होते-होते बचा। विद्यालय के प्रधानाध्यापक कक्ष में छत का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया।घटना के समय प्रधानाध्यापक हरिराम मुर्मू अपने कक्ष में कुर्सी पर बैठे थे। हादसे में वे किस कदर बाल-बाल बचे, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानाध्यापक के बगल में रखा उनका हेलमेट तक टूट गया। गनीमत यह रही कि प्रधानाध्यापक के कंधे एवं पीठ में चोट आई। घटना के बाद उन्होंने एक स्थानीय चिकित्सक के पास जाकर अपना इलाज कराया। छत गिरने से कुर्सी, टेबल का कांच, प्रधानाध्यापक का मोबाइल व कुछ अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गए। मुर्मू ने बताया कि विद्यालय पहुंचने के बाद वे अपने कक्ष में बैठकर कुछ काम कर रहे थे, तभी अचानक छत गिर पड़ी। उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि छत गिर सकती है। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के जिला पार्षद जगन्नाथ महतो मौके पर पहुंचे तथा वस्तुस्थिति का जायजा लिया। शिक्षा विभाग की ओर से कनीय अभियंता सत्यजीत मैती ने विद्यालय भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1964 में बना भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जिन कमरों में नौवीं एवं दसवीं की कक्षाएं चल रही है उनकी स्थिति भी खतरनाक है। अभियंता ने फिलहाल भवन में कक्षा नहीं चलाने का सुझाव दिया है। सोमवार को घटना के समय भी विद्यालय में नौवीं एवं दसवीं की कक्षा चल रही थी, जिनमें 122 विद्यार्थी मौजूद थे। 9 साल में भी नहीं बन पाया विद्यालय का नया भवन : बेंद उत्क्रमित उच्च विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। पुराने भवन की स्थिति को देखते हुए करीब 9 वर्ष पहले 2012 में नया भवन बनाने का काम शुरू किया गया था जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। प्रधानाध्यापक मुर्मू ने बताया कि इस भवन के साथ जिन विद्यालयों में नए भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, वे सब वर्षों पहले बनकर हस्तांतरित भी हो चुके हैं। लेकिन बेंद विद्यालय का भवन अभी भी अपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विधायक, मुखिया से लेकर विभागीय अधिकारियों को भी कई बार इस संबंध में सूचित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक भवन हस्तांतरित नहीं किया गया है।

Advertisements
Advertisements

विधायक ने इसी विद्यालय से की थी पढ़ाई : खास बात यह है कि बेंद स्थानीय विधायक समीर महंती का पैतृक गांव है। उनकी प्राथमिक शिक्षा भी इसी विद्यालय से हुई थी। हालांकि उस समय यह प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था बाद में इसे अपग्रेड करते हुए मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया। घटना के बाबत पूछने पर विधायक ने कहा कि जमशेदपुर डीसी को फोन पर जानकारी देते हुए कार्रवाई का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय के निर्माणाधीन भवन के संवेदक वीरेंद्र सिंह की लापरवाही के कारण यह आज तक अधूरा है। अगले एक सितंबर तक निर्माण का काम पूरा कर भवन को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

You may have missed