जेम्स एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में पूरे किये 18 साल

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क्रिकेट :-टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने इस फॉर्मेट में अपने 18 साल पूरे कर लिए हैं। 22 मई 2003 को उन्होंने लॉर्ड्स में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और पहली ही पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा भी किया था। 38 साल की उम्र में भी एंडरसन की घार खत्म नहीं हुई है और इस साल अगस्त-सितंबर में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए वे इंग्लैंड के सबसे अहम हथियार बताए जा रहे हैं। चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि वे कौन से कारण हैं जो एंडरसन को इतने सालों के बाद भी असरदार बनाते हैं।

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दुनिया के अन्य क्रिकेटरों की तरह जेम्स एंडरसन भी चोटिल हुए हैं। लेकिन, उनके चोटिल होने की फ्रिक्वेंसी अन्य तेज गेंदबाजों की तुलना में काफी कम रही है। अधिकांश तेज गेंदबाज उम्र बढ़ने के साथ रन अप छोटी कर देते हैं। लेकिन, एंडरसन ने इसे बकरार रखा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा रनिंग बढ़ती उम्र में भी एंडरसन की फिटनेस का असल राज है।जेम्स एंडरसन के ऊपर कभी बहुत ज्यादा वर्कलोड नहीं डाला गया। सीमिंग और स्विंगिंग कंडीशन में उन्हें ज्यादा मैच खिलाए गए। साथ ही स्टुअर्ट ब्रॉड जैसा जोड़ीदार मिलने से भी उनके ऊपर बोझ कम रहा। इससे एंडरसन खुद को लंबे समय तक कामयाब बनाए रख सके।

एंडरसन आते ही छा जाने वाले गेंदबाज नहीं थे। उन्हें इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह पक्की करने में पांच साल लगे। लेकिन, इसके बाद वे लगातार नई स्किल सीखते गए। परंपरागत स्विंग वे शुरुआत से अच्छी करते थे। बाद में उन्होंने रिवर्स स्विंग भी सीखी। स्लोअल डिलीवरी, बाउसंर, कटर सहित ऐसी कोई विधा नहीं है जिसमें एंडरसन पारंगत न हों।टीम मैनेजमेंट और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने हमेशा एंडरसन का साथ दिया। एंड्र्रयू स्ट्रॉस, एलेस्टेयर कुक और जो रूट सहित तमाम कप्तानों ने खराब प्रदर्शन के बावजूद उनका साथ दिया। शुरुआत में वे एशिया में कामयाबी हासिल नहीं कर पाते थे। इसके बावजूद टीम में उनकी जगह कभी खतरे में नहीं पड़े।

 

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