वैज्ञानिकों को कोरोना का नया वेरिएंट N-440K काफी खतरनाक है दूसरों की तुलना में 10 गुणा अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है.
नई दिल्ली(एजेंशी): भारत में जितनी तेजी से मौतों का सिलसिला बढता जारहा है वैसे-वैसे वायरस के बारे में वैज्ञानिक नई जानकारी भी सामने ला रहे है. भारत कोरोना की दूसरी लहर के में फैला रही कोरोना वायरस दुनिया में फैले कोरोना वायरस के मुकाबले 10 गुणा अधिक तेजी के साथ फ़ैल रहा है और यह उसके मुकाबले कहीं ज्यादा खतरनाक और घातक है. सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट N-440K का पता लगाया है. यह B1.617 और B1.618 के बाद का आया नया वेरिएंट है. सबसे पहले इसका पता आंध्र प्रदेश के कुरनूल में चला. विशाखापट्टनम और राज्य के अन्य हिस्से में लोगों के बीच जो खौफ पैदा हुआ था उसकी वजह ये वेरिएंट हो सकता है. वैज्ञानिको के रिपोर्ट के अनुसार देश में 26 अप्रैल से 2 मई के बीच कोरोना के 26 लाख नए मामले दर्ज किए गए और 23,800 मरीजों की मौत हो गई. इस बीच वैज्ञानिकों ने इस जानलेवा म्यूटेंट का पता लगाया. शोधकर्ताओं का मानना है कि अभी संक्रमण फैला रहे बाकी सभी स्ट्रेन के मुकाबले ‘N440K’ 10 से 1,000 गुना तक अधिक संक्रामक है, जिसकी वजह से देश के कुछ हिस्सों में दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गई.
म्यूटेंट ‘N440K’ को पहली बार आंध्र प्रदेश के करनूल शहर में पाया गया था. अब यह म्यूटेंट आंध्र और तेलंगाना सहित देश के कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा है. शोधकर्ताओं का दावा है कि दूसरी लहर के दौरान आंध्र और तेलंगाना में जितने भी नए मामले आए हैं, उसमें से एक तिहाई मामले इसी वेरिएंट के चलते आए हैं और यह लगातार ही फैलता जा रहा है.
पिछले दो महीनों में देश के 50 फीसदी मामले सिर्फ चार राज्यों- कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से आए हैं, जो संकेत देते है कि यह वैरिएंट इन इलाकों में फैल चुका है. यह शोध हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) और गाजियाबाद के एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेशन रिसर्च (एसीएसआईआर) के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है.