नृत्य अभिव्यक्तियों का रसमय सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ : 29 अप्रैल अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर विशेष
नृत्य भारतीय अभिव्यक्तियों का रसमय सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ। यह कला देवी-देवताओं, दैत्य-दानवों, मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों को अति प्रिय है। भारतीय धर्मशास्त्र पुराणों में यह दुष्ट नाशक एवं ईश्वर प्राप्ति का साधन मानी गई है। नृत्य एक ऐसा माघ्यम है जिसकी मदद से लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। पुराणों में उल्लेख है अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट दानवों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर अपने ”लास्य नृत्य” द्वारा स्वर्ग, मर्त्य एवं पाताललोक को दानवों से मुक्ति दिलाई थी। सृष्टि की इस परंपरा ”नृत्य कला” को दुनिया में एक खास दिन के माध्यम से मनाने का फैसला यूनेस्को द्वारा 29 अपैल 1982 को किया गया था। उन्होंने कहा कि डांस के रिफार्मर महान नर्तक ”जीन जार्ज नावेरे” के जन्म की याद में इस दिन को ”अन्तर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस” के रूप मनाया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरूआत करने का उद्देश्य लोगों को इसकी अहमियत बताने के लिए किया गया था। क्योंकि बहुत से लोगों को नृत्य में रुचि नहीं होती थी। जीन जार्ज चाहते थे कि नृत्य को बच्चों के शिक्षा में एक आवश्यक अंग के रूप में शामिल किया जाए। भारत में उत्तर से दक्षिण तक एवं पूरब से पश्चिम तक सभी समुदायों में लोकनृत्य प्रचलित है। भारत में कुछ मशहूर नर्तकों ने पूरे संसार में अपनी कला से दर्शकों को आकर्षित किया है। नृत्य एक ऐसा माध्यम है जो दुनिया को एकता का पाठ भी पढ़ाता है। भारत के नृत्य भरतनाट्यम, कथकली, कत्थक, छऊ, कुचिपुड़ी, ओडिशी, मोहिनीअट्टम, बिहू आदि लोकप्रिय विधाएं है। कुछ लोकप्रिय नृत्यांगनाओं ने इन नृत्यों को पूरे विश्व में पहचान दिलाने में विशेष योगदान दिया है। जैसे कत्थक के बिरजु महाराज, ओडिशी के गुरू केलुचरण महापात्रा, कुचिपुड़ी व भरतनाट्यम के लिए मल्लिका साराभाई शामिल है।
शामिल सिंह रवि इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए है प्रयत्नशील
इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए जमशेदपुर के शामिल सिंह रवि को बचपन से नृत्य में रुचि रही है और वह अपने साथ काफी सारे लोगों को अपने नृत्य कक्षाओं में उसकी शिक्षा देते हैं। शामिल सिंह रवि द्वारा सिखाये गये नृत्य की विधाओं को उनके छात्राओं ने काफी जगहों के स्कूलों और कॉलेजों में अपना हुनर के माध्यम से प्रदर्शित कर चुके हैं। शामिल सिंह रवि बताते हैं उनके छात्र भारत में बॉलीवुड के टेलीविजन के रियलिटी शो और फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनकी सोच यही है कि जितने भी कलाकार हैं उनको एक अच्छा मंच मिले क्योंकि अच्छे कर्म करने से ही अच्छा होता है। शामिल सिंह रवि के आने वाले स्वयं के 2 से 3 प्रोजेक्ट हैं जिसमें वह काम करने वाले हैं।