दो दिन के जन्मे नवजात शिशु में कोरोना के संक्रमन पाया गया

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महाराष्ट्र (एजेंशी): देशभर में कोरोना की दूसरी बेकाबू होते जा रहे हैं. दूसरी लहर में वायरस के नए वैरिएंट B.1.1.7 और B.1.617 ये दोनों वायरस बच्चों के लिए खतरनाक साबित हुए हैं. यह नए स्ट्रेक का वायरस छोटे बच्चों में काफी तेजी से फैल रहे हैं. एसा ही एक संक्रमण का एक मामला महाराष्ट्र के धुलिया जिले से सामने आया है, जहां केवल दो दिन के जन्मे नवजात शिशु में कोरोना के संक्रमन पाया गया. वह अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है.

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इस विषय पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिनव दरवडे ने जानकारी दी, कि बच्चा गर्भ में कोरोना से संक्रमित हो चूका था. उसका इलाज शहर के नर्सिंग चिल्ड्रेन अस्पताल में जारी है. उसमें रक्त के थक्के बनने के साथ कई अन्य बीमारियां हैं. यह बच्चा कोविड के मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से जूझ रहा है. जिसका इलाज किया गया है. शिशु में कोरोना के जो लक्षणों सामने आए हैं उनमें झुनझुनी, सांस लेने में तकलीफ और झटके आना जैसे लक्ष्ण शामिल हैं.

कोरोना की ये दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक रूप ले चुकी है

कोरोना की दूसरी लहर पहली से खतरनाक मानी जा रही है. पहली लहर ना तो बच्चों के लिए खतरनाक थी और ना ही उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण मिले थे. हालांकि, इस बार हालात बदल चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वयस्कों की तुलना में कोरोना से संक्रमित बच्चों के इलाज में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों के लिए कोरोना से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.

उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित बच्चों के लिए कोई अलग वॉर्ड भी नहीं है क्योंकि पिछले साल बच्चों के इतने मामले सामने नहीं आए थे जितने कि अब आ रहे हैं. शिशुओं में कोरोना के लक्षण दिखने से ये साफ पता चलता है कि वायरस का म्यूटेशन हो चुका है. कुछ गंभीर मामलों में बच्चों की मौत तक हो जा रही है।

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