राज्यपाल से मिले विधायक सरय़ू राय, औद्योगिक नगर समिति के बारे में हुई विस्तृत चर्चा, इसी साल टाटा लीज समझौता हो रहा है खत्म, नागरिक सुविधाओं को लेकर कुछ भी साफ नहीं

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रांची/जमशेदपुर :- जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने मंगलवार को झारखण्ड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति के बारे में विस्तार से बातचीत की। श्री राय ने उन्हें स्मरण दिलाया कि दिसम्बर-2023 में उन्होंने इस विषय पर तत्कालीन राज्यपाल के समक्ष एक स्मार-पत्र दिया था जिस पर राजभवन ने संज्ञान लेकर झारखण्ड के मुख्य सचिव को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

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राज्यपाल के प्रधान सचिव ने बताया कि इस विषय में मुख्य सचिव स्तर से राजभवन को कोई सूचना नहीं दी गई है। श्री राय ने राज्यपाल को सूचित किया कि जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति का गठन करने में जनहित का ख्याल नहीं रखा गया है और नगरपालिका की मूल भावनाओं को भी नजरअंदाज किया गया है, जबकि औद्योगिक नगर समिति नगरपालिका के बदले में गठित होती है। इसमें जनता के प्रतिनिधियों (निर्वाचित या मनोनीत) को कोई स्थान नहीं दिया गया है, जबकि नगरपालिका का गठन ही स्थानीय स्वशासन के लिए होता है।

सरयू राय ने राज्यपाल को बताया कि इस समिति में सरकार एवं टाटा स्टील के प्रतिनिधियों को स्थान दिया गया है। यह स्थानीय स्वशासन के विरूद्ध है। इस समिति में करीब आधी संख्या टाटा स्टील के प्रतिनिधियों की है। 1973 में संविधान का 74वां संशोधन होने के बाद संविधान के अनुच्छेद 243 (क्यू) में अपवाद स्वरूप एक प्रावधान किया गया है कि जहां कोई सरकार या निजी उद्योग प्रतिष्ठान जनसुविधाएं दे रहा है अथवा देने के लिए तैयार है, वहां सरकार चाहे तो नगरपालिका का गठन नहीं भी कर सकती है और वहाँ औद्योगिक नगर समिति बना सकती है। इसके तहत देशभर में करीब आधा दर्जन छोटे-बड़े औद्योगिक नगर समितियाँ गठित हुई है, जिनमें सेवा प्रदाता के अतिरिक्त उद्योगों, सामाजिक संगठनों एवं सरकार के प्रतिनिधियों को नामित किया गया है। किसी में भी सरकार के किसी मंत्री को समिति का अध्यक्ष नहीं बनाया गया है, परंतु जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति में स्थानीय मंत्री अथवा प्रभारी मंत्री, झारखण्ड सरकार को अध्यक्ष बनाया गया है तथा सदस्य के रूप में आधा दर्जन से अधिक संख्या में सेवा प्रदाता संस्थान को नामित किया गया है। जनहित में इस पर पुनर्विचार आवश्यक प्रतीत होता है। श्री राय ने राज्यपाल से कहा कि आपके स्तर से सरकार को इस आशय का निर्देश दिया जाए।

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सरयू राय ने राज्यपाल से कहा कि औद्योगिक नगर समिति के गठन में टाटा लीज समझौता की कोई भूमिका निर्धारित नहीं की गई है, जबकि सेवा प्रदाता के रूप में टाटा स्टील कंपनी लीज समझौता के माध्यम से पहले से ही सेवाएं दे रहा है। औद्योगिक नगर समिति को कार्य रूप देने के बाद टाटा लीज समझौता के प्रावधानों का क्या होगा, इसकी कोई झलक इस अधिसूचना में नहीं मिलती है। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि टाटा लीज समझौता इसी वर्ष समाप्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में जमशेदपुर के लोगों को जनसुविधाएं किस आधार पर मिलेंगी, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है।

श्री राय ने झारखंड के राज्यपाल से कहा कि फिलहाल जमशेदपुर को औद्योगिक नगर समिति के गठन में जनसुविधाएं प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों को भी स्थान दिया जाना चाहिए। साथ ही एक शिकायत कोषांग का गठन होना चाहिए, ताकि वहां कोई भी व्यक्ति जनसुविधा संबंधी अपनी शिकायत रख सके।

राज्यपाल ने सरयू राय को आश्वस्त किया कि वे इस विषय में आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि औद्योगिक नगर समिति संविधान के प्रावधान के अनुरूप कार्य करे और औद्योगिक नगर समिति की अधिसूचना में सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया जाए। इसके साथ ही औद्योगिक नगर समिति को स्थानीय स्वशासन की भावना के अनुरूप बनाया जाए।

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