Happy Easter 2025: क्यों मनाया जाता है ईस्टर, क्या है इसका इतिहास और धार्मिक महत्व? जानिए पूरी जानकारी…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:20 अप्रैल 2025 को दुनियाभर में ईस्टर का पावन पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व ईसा मसीह के पुनरुत्थान (Resurrection) की स्मृति में मनाया जाता है और ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है।


ईस्टर का पर्व हर साल गुड फ्राइडे के दो दिन बाद रविवार को मनाया जाता है। गुड फ्राइडे वह दिन होता है जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था, और ईस्टर वह दिन है जब वे मृत्यु के तीन दिन बाद पुनः जीवित हुए। ईसाई समुदाय का यह विश्वास है कि इस पुनरुत्थान ने मानवता को पापों से मुक्ति दिलाई और आशा का संदेश दिया।
ईस्टर का इतिहास और शुरुआत:
ईस्टर की शुरुआत लगभग 2000 साल पहले उस घटना से जुड़ी है जब ईसा मसीह को यहूदी नेताओं के विरोध और रोमन सरकार के आदेश पर सूली पर चढ़ाया गया। ईसाई धर्मग्रंथों के अनुसार, उनकी मृत्यु के तीन दिन बाद—जो रविवार का दिन था—उनका पुनरुत्थान हुआ। यही दिन ईस्टर संडे कहलाता है।
ईस्टर की तारीख हर वर्ष बदलती है, क्योंकि इसे चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह पर्व मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल के अंत के बीच पड़ता है और यह हमेशा पहले पूर्णिमा के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है।
ईस्टर का धार्मिक और सामाजिक महत्व:
ईस्टर केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आशा, पुनर्जन्म और नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। यह उन सभी लोगों को प्रेरणा देता है जो जीवन में किसी प्रकार के अंधकार, संकट या संघर्ष से गुजर रहे हैं। ईसाई मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह का पुनरुत्थान यह संदेश देता है कि अंततः सत्य और प्रेम की जीत होती है।
ईस्टर से जुड़े परंपराएं और रीति-रिवाज:
ईस्टर के दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं और भजन-कीर्तन आयोजित किए जाते हैं। लोग एक-दूसरे को ईस्टर अंडे (Easter Eggs) और ईस्टर बनी (Easter Bunny) भेंट करते हैं, जो जीवन, पुनर्जन्म और खुशियों का प्रतीक माने जाते हैं। बच्चे इस दिन अंडों को सजाते हैं और ईस्टर एग हंट्स (Egg Hunts) में भाग लेते हैं।
ईस्टर का पर्व न केवल ईसाई समुदाय के लिए, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह हमें सिखाता है कि अंधकार के बाद प्रकाश आता है, दुखों के बाद सुख और अंततः हर अंत एक नई शुरुआत का द्वार खोलता है।
