सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर में मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने छात्रों से की राज्य निर्माण में भागीदारी की अपील…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने छात्रों से राज्य के भविष्य के नए शिल्पकार बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि झारखंड को आगे ले जाने के लिए ऐसे आईएएस, आईपीएस, इंजीनियर और डॉक्टर की आवश्यकता है जो यहां की संस्कृति, समस्याओं और जमीनी हकीकत को समझते हों।


मंत्री ने कहा, “जिस तरह हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता और झारखंड राज्य के गठन के लिए संघर्ष किया, उसी तरह आज की पीढ़ी को झारखंड को विकसित और सशक्त राज्य बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।” उन्होंने शिक्षा, नवाचार और जनसेवा के माध्यम से राज्य की प्रगति में सार्थक योगदान देने की बात कही।
जनजातीय गौरव दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को चिह्नित करने के लिए घोषित किया गया था। इस अवसर पर पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के 10 जनजातीय स्कूलों के 300 से अधिक छात्र, शिक्षक और सीएसआईआर–एनएमएल के कर्मी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में मंत्री सोरेन ने छात्रों को झारखंड के इतिहास और तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हू, फूलो-झानो जैसे जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में बताया। उन्होंने “जल, जंगल, जमीन” आंदोलन की अहमियत पर भी प्रकाश डाला और छात्रों से प्रेरणा लेने को कहा।
उन्होंने युवाओं से विज्ञान और तकनीक को अपनाने और किताबों से आगे बढ़कर प्रयोगशालाओं में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सीएसआईआर–एनएमएल जैसे संस्थान युवाओं को दिशा देने में अहम भूमिका निभाते हैं।” करियर योजना को उन्होंने रेल यात्रा से जोड़ते हुए कहा कि जब तक गंतव्य तय न हो, तब तक मंजिल तक पहुँचना मुश्किल है।
शिक्षा मंत्री ने राज्य सरकार की मेधा सम्मान योजना की भी सराहना की और देश में वैज्ञानिकों की कमी पर चिंता जताते हुए युवाओं से इस क्षेत्र में आगे आने की अपील की।
कार्यक्रम की शुरुआत में सीएसआईआर–एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया और भगवान बिरसा मुंडा की विरासत को रेखांकित किया। सीएसआईआर–सीएमईआरआई, दुर्गापुर के निदेशक डॉ. नरेश चंद्र मुर्मू ने भी छात्रों को विज्ञान की शक्ति के प्रति प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन सीएसआईआर–एनएमएल के प्रशासनिक नियंत्रक श्री आदित्य मैनाक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
