Happy Bohag Bihu 2025: असम का सबसे बड़ा त्योहार, जानिए इसकी अहमियत और क्यों इसे मनाना है ज़रूरी…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:बोहाग बिहू, असम का सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है, जो असमिया नववर्ष और वसंत ऋतु के आगमन को चिह्नित करता है। यह त्योहार खुशी, पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों से भरपूर होता है। अगर आप 2025 में बोहाग बिहू कब मनाया जाएगा, इसके महत्व, इतिहास और इसमें शामिल रस्मों के बारे में जानने के इच्छुक हैं, तो यह जानकारी आपके लिए है।


इस साल बोहाग बिहू का उत्सव 14 अप्रैल 2025 से शुरू होगा। हालांकि तारीख सूरज की स्थिति के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर बोहाग बिहू अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है। यह त्योहार कुछ दिनों तक चलता है, जिसमें पहला दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है।
बोहाग बिहू का इतिहास
बोहाग बिहू असमिया नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इसका ऐतिहासिक संबंध कृषि परंपराओं और ऋतुओं के चक्र से जुड़ा है, और यह मुख्य रूप से फसल कटाई के मौसम का उत्सव होता है। बोहाग बिहू सूर्य की क्रांति के समय मनाया जाता है, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है (मेष संक्रांति)। यह परिवर्तन नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक है।
इतिहास में, बोहाग बिहू को हजारों सालों से मनाया जा रहा है। यह पहले किसानों का त्योहार था, जिसमें वे अच्छे फसल के लिए देवताओं का धन्यवाद करते थे और आगामी कृषि सीजन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते थे। यह त्योहार असम के लोगों की प्रकृति और भूमि से गहरी सांस्कृतिक जुड़ाव को भी दर्शाता है।
बोहाग बिहू का महत्व
बोहाग बिहू असम में सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह नवीनीकरण और पुनर्जीवन का समय दर्शाता है। यह त्योहार परिवारों, दोस्तों और समुदायों को एकत्र करता है, ताकि वसंत ऋतु के आगमन का जश्न मनाया जा सके, जो उर्वरता और समृद्धि का मौसम है।
बोहाग बिहू असम की जीवंत संस्कृति की अभिव्यक्ति है, जिसमें बिहू नृत्य, लोक गीत और असमिया वस्त्रों और शिल्पों का प्रदर्शन किया जाता है। यह त्योहार फसल कटाई के मौसम की शुरुआत से जुड़ा हुआ है और यह उगाई गई फसलों के लिए आभार व्यक्त करने का तरीका है। बोहाग बिहू के दौरान, लोग पुराने मतभेदों को भुलाकर एकता, दोस्ती और सामुदायिक भावना का उत्सव मनाते हैं।
बोहाग बिहू मनाने की रस्में
बोहाग बिहू को विभिन्न रस्मों के साथ मनाया जाता है, जिनमें जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक होता है। बोहाग बिहू के मुख्य दिन इस प्रकार होते हैं:
1. पहला दिन – गोरो बिहू (गायों के लिए बिहू):
पहला दिन गायों के नाम समर्पित होता है, क्योंकि वे असम की कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। गोरो बिहू पर गायों को स्नान कराया जाता है, फूलों से सजाया जाता है और उनका पूजन किया जाता है, ताकि उनके कठिन श्रम के लिए उनका धन्यवाद किया जा सके। लोग उनके कल्याण के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
2. दूसरा दिन – मनुह बिहू (मानव बिहू):
यह बोहाग बिहू का मुख्य दिन होता है और इस दिन असमिया लोग परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाते हैं। इस दिन, युवा लोग बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद देते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं, देवताओं को प्रार्थना अर्पित करते हैं और पारंपरिक भोज का आनंद लेते हैं। यह दिन बिहू नृत्य और बिहू गीतों का भी होता है, जो ऊर्जावान और लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं।
3. तीसरा दिन – पशु और समुदाय बिहू:
तीसरे दिन समुदाय की साझेदारी का उत्सव होता है, जहां गाँववाले मिलकर फसल की कटाई और रिश्तों की मजबूती का जश्न मनाते हैं। इस दिन विशेष रूप से भोज, लोक नृत्य और अन्य सामुदायिक गतिविधियाँ होती हैं।
शुभ बोहाग बिहू 2025
आइए इस बोहाग बिहू को एक नए जोश और समृद्धि के साथ मनाएं, असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनें और एकता और सामुदायिक भावना को साकार करें।
