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सृजन संवाद की गोष्ठी में पंकज मित्र ने किया कहानी पाठ


जमशेदपुर:- सृजन संवाद की मासिक गोष्ठी में जाने-माने कहानीकार पंकज मित्र ने अपनी कहानी ‘अच्छा आदमी’ का पाठ किया।
बुधवार की शाम को न्यू सीतारामडेरा में आयोजित गोष्ठी में नगर के कई साहित्यकार व साहित्यप्रेमियों ने शिरकत की। पंकज मित्र की कहानी ‘अच्छा आदमी’ बाजारवाद के खतरे से आगाह करती कहानी है। यह हिन्दी के एक ऐसे विद्वान प्रोफेसर की कहानी है जो देश-दुनिया पर मंडराते आर्थिक संकट और बाजारवाद के खतरे को भांप रहा है। अपने एकेडमिक व्याख्यानों और निजी बैठकों में भी वह इससे लोगों को आगाह करता रहता है। वह इन खतरों के प्रति फिक्रमंद है और लगातार चिंतन करता है, पर अपने ही घर में घुस आये बाजारवाद से अनजान है। एक चालाक बिल्डर की नजर प्रोफेसर के पुश्तैनी घर पर है। वह प्रोफेसर के बच्चों को अपना दोस्त बनाता है, उनके साथ खेलता-कूदता है और उनके घर में अपनी बेहद खास जगह बना लेता है। प्रोफेसर साहब के बच्चे उसे ‘अच्छे अंकल’ कहते हैं। यहां तक कि उनकी पत्नी भी उसे बात-बात में ‘आप कितने अच्छे हैं’ कहते नहीं थकती।

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रिश्ते और घरेलू माहौल में हो रही तब्दीली पर जब तक प्रोफेसर साहब संज्ञान लेते हैं तब तक काफी कुछ बदल चुका होता है। उनकी खिन्नता और चुप नाराजगी को मानसिक आघात और विक्षिप्तता करार देकर उनकी पत्नी और बिल्डर उन्हें मानसिक आरोग्यशाला का रास्ता दिखा देते हैं। यह कहानी एक ऐसे मोड़ पर आकर खत्म होती है जहां पाठक-श्रोता सोचने को विवश हो जाता है।

गोष्ठी में मौजूद लोगों ने कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे आज के समय में एक जरूरी कहानी बताया। डॉ. विजय शर्मा, डॉ. मीनू रावत, शैलेंद्र अस्थाना, सुधीर सुमन, डीएस आनंद, प्रदीप शर्मा, दीपिका कुमारी, चंद्रावती, क्षमा त्रिपाठी, अभिषेक गौतम और अंकित ने कहानी पर अपने विचार व्यक्त किये।

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