वैष्णो देवी जा रही बस पर 4 आतंकवादी ने किया हमला…10 लोगों की हुई मौत 32 यात्री घायल…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:रविवार शाम में एक तरफ जहां पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था तभी दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के रियासी इलाके में आतंकवादियों ने वैष्णो देवी जा रहे श्रद्धालुओं की एक बस पर हमला कर दिया। इसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने शिव खोड़ी से लौट रही बस को निशाना बनाया है। इस बस में 42 यात्री सवार थे।

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जिसमे से 10 की मौत हुई और 32 घायल हुए,स्थानीय लोगों के अनुसार, आतंकियों ने इस बस पर 40 से 50 राउंड फायरिंग की, जिसमें एक गोली बस ड्राइवर के भी लगी। बस ड्राइवर को गोली लगने के बाद बस गहरी खाई में गिर गई। बस शिवखोड़ी भोले बाबा के दर्शन करने के बाद वापस कटरा की तरफ लौट रही थी। हादसा पौनी और रनसू के बीच चंडी मोड पर स्थित दरगाह के निकट पेश आया है।

जम्मू-कश्मीर के रियासी में बस दुर्घटना स्थल पर पुलिस और सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। डीसी रियासी ने दुर्घटना में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। वहीं, 32 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि, यात्री स्थानीय नहीं बताए जा रहे हैं। हालांकि, आतंकी गतिविधि के चलते शिव खोड़ी तीर्थ स्थल को सुरक्षित कर लिया गया है।

एसएसपी रियासी मोहिता शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि आतंकवादियों ने शिव खोड़ी से कटरा जा रही यात्री बस पर गोलीबारी की। गोलीबारी के कारण बस चालक ने बस का संतुलन खो दिया और बस खाई में गिर गई। घटना में 32 लोग घायल हो गए। बचाव अभियान पूरा हो गया है। यात्रियों की पहचान अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, वे स्थानीय नहीं हैं। शिव खोड़ी तीर्थस्थल को सुरक्षित कर लिया गया है।

इस घटना को सीधे तौर पर पीएम मोदी को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में पड़ोसी देशों बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, भूटान, सेसेल्स, मॉरीशस के शासनाध्यक्ष और राष्ट्रध्यक्षों को आमंत्रित किया है। इस समारोह में तमाम देशों के राजदूत और उच्चायुक्त भी शामिल हुए। ऐसे में इस तरह की आतंकी घटना को अंजाम देकर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने भारत की प्रतिष्ठा को चुनौती दी है। इस शपथ ग्रहण के लिए राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। हमने के जरिए वह दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि जम्मू- कश्मीर में वह अब भी सक्रिय है और उनका प्रभाव है।

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