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दिल्ली : मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह में भी हंगामे (Uproar) ने कार्यवाही (Proceedings) की बलि ले ली। विपक्षी सदस्यों के निलंबन (Suspension) और सरकार द्वारा राष्ट्रपति के अपमान को बड़ा मुद्दा बनाने से सुलह-सफाई की गुंजाइश खत्म हो गई। सत्र के दस दिनों में अब तक किसी महत्वपूर्ण मुद्दे (Important Issue) पर चर्चा नहीं हो पाई और लोकसभा में महज दो ही बिल पारित कराए जा सके।

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विपक्ष सत्र के दूसरे सप्ताह में भी महंगाई बेरोजगारी जीएसटी (GST) और अग्निपथ पर चर्चा के लिए हंगामा करता रहा।  इस बीच भाजपा ने विपक्ष को घेरने के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के अपमान को बड़ा मुद्दा बना लिया। इससे शुक्रवार को भी संसद ठप रही। सोमवार को भी कामकाज की उम्मीद कम ही है। भाजपा ने राष्ट्रपति के अपमान पर सोनिया से तो विपक्ष ने स्मृति ईरानी से माफी मांगने को लेकर अड़ने का साफ संदेश दिया है। लोकसभा में हंगामे के बीच बिना किसी चर्चा के अंटार्कटिका बिल तो प्रतीकात्मक चर्चा के बीच परिवार न्यायालय संशोधन बिल पारिए किए गए।

दूसरे सप्ताह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे कांग्रेस के चार सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने तीन बार में विपक्ष के 27 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया। इनमें से 23 के निलंबन की अवधि शुक्रवार को पूरी हो गई। हालांकि, निलंबन की कार्यवाही से सरकार और विपक्ष के बीच तकरार और बढ़ गई।

सत्र में भविष्य में कामकाज होगा या नहीं, इस पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, सरकार और विपक्ष में से कोई भी पक्ष झुकने के लिए तैयार नहीं है।बृहस्पतिवार व शुक्रवार को राष्ट्रपति के अपमान पर आक्रामकता दिखा कर सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि वह विपक्ष के दबाव में नहीं आने वाला। अग्निपथ को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में कामकाज रोककर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया है। हुड्डा ने कहा, सदन अग्निपथ योजना से उत्पन्न असाधारण स्थितियों पर चर्चा करे, जिसे सरकार ने बिना चर्चा औ एकतरफा रूप से लागू किया है।

दोनों सदनों में शुक्रवार को भी अधीर रंजन की टिप्पणी पर भाजपा और विपक्ष की ओर से माफी मांगों की नारेबाजी होती रही। नतीजे में कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में सत्ता पक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग करने लगा। कांग्रेसी सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारों के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से माफी की मांग करने लगे। हंगामे के कारण दो बार स्थगन के बाद सदन को सोमवार तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने स्मृति ईरानी के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया।

कांग्रेस ने गुजरात में शराब से मौतों का मामला उठाना चाहा। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने अधीर की टिप्पणी पर नारेबाजी की। दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी और हंगामा बढ़ने पर उपसभापति हरिवंश ने सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया। 12 बजे के बाद भी हंगामा जारी रहा तो आसन पर बैठे सस्मित पात्रा ने सदन को एक अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।

अधीर रंजन माफी मांग चुके हैं। इसके बावजूद भाजपा सोनिया गांधी से माफी की मांग कर रही है। उनके खिलाफ नारे लगा रही है। यह जानबूझकर किया जा रहा है, ताकि महंगाई, बेरोजगारी पर चर्चा से बचा जा सके। -मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा में विपक्ष के नेता

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